“एल्युमिनियम के बर्तन: आपके किचन का स्लो पॉइजन अभी बदलें ये आदत!”

एल्युमिनियम के बर्तन: आपके किचन का स्लो पॉइजन – अभी बदलें ये आदत!”

क्या आपके घर में भी एल्युमिनियम के बर्तन हैं? तो ज़रा रुकिए और ये जान लीजिए! आजकल ज्यादातर घरों में एल्युमिनियम के बर्तन आम तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं इसकी वजह यह हो सकती है कि वह हल्के होते हैं, सस्ते मिलते हैं और दिखने में भी चमकदार होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये सेहत के लिए कितने खतरनाक हो सकते हैं?एल्युमिनियम – एक स्लो पॉइजन!

बहुत कम लोगों को ये बात पता है कि एल्युमिनियम के बर्तन हमारे देश में कभी पारंपरिक नहीं थे। हमारे पूर्वजों ने कभी इनका इस्तेमाल नहीं किया। ये बर्तन अंग्रेजों ने भारत में सबसे पहले हमारे कैदियों के लिए लाए थे — और वो भी एक खास वजह से। दरअसल, जब एल्युमिनियम के बर्तनों में खाना पकाया या रखा जाता है, तो उसके कुछ कण उस खाने में मिल जाते हैं। ये कण धीरे-धीरे हमारे शरीर में जमा होते हैं और समय के साथ:हड्डियों को कमजोर करते हैंकिडनी को नुकसान पहुंचाते हैंब्रेन और मेमोरी पर असर डालते हैं इम्युनिटी को कमजोर बनाते हैं यानि कि ये एक धीमा ज़हर है, जो धीरे-धीरे आपके शरीर को अंदर से खोखला करता जाता है।तो अब क्या करें?

बदलाव की शुरुआत

बदलाव की शुरुआत अपने किचन से कीजिए।

एल्युमिनियम के बर्तनों को हटाइए और इनके विकल्प अपनाइए:

मिट्टी के बर्तन

मिट्टी के बर्तन‌ जो नैचुरली खाना हेल्दी बनाते हैं।

स्टेनलेस स्टील: जो सुरक्षित और टिकाऊ होते हैं।

लोहे (कास्ट आयरन) के बर्तन: जो आयरन का नैचुरल स्रोत हैं और शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।

निष्कर्ष – अब जागिए!स्वस्थ जीवनशैली की शुरुआत हमारे किचन से होती है। अगर आप भी अपने परिवार की सेहत को लेकर गंभीर हैं, तो आज ही अपने घर के एल्युमिनियम बर्तनों को घर से निकाल दीजिए खुश रहे स्वस्थ रहे

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